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सतत ब्यापक मुल्यांकन क्या है ? सतत ब्यापक मुल्यांकन के महत्व की चर्चा करे

सतत ब्यापक मुल्यांकन क्या है ? इसका महत्व

प्रश्न – सतत ब्यापक मुल्यांकन क्या है ? सतत ब्यापक मुल्यांकन के महत्व की चर्चा करे

उत्तर
सतत् व्यापक मूल्यांकन (Continuous and Comprehensive Evaluation – CCE) क्या है?

सतत् व्यापक मूल्यांकन (CCE) एक आधुनिक शिक्षण मूल्यांकन पद्धति है, जिसका उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ उनके मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास का मूल्यांकन करना है। इसमें परीक्षा के बजाय सतत (निरंतर) और व्यापक (समग्र) रूप से छात्र की प्रगति का आकलन किया जाता है।

यह मूल्यांकन प्रणाली मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित होती है:

1.सतत मूल्यांकन (Continuous Evaluation): यह वर्षभर होने वाली नियमित परीक्षाओं, असाइनमेंट, प्रोजेक्ट वर्क, मौखिक परीक्षा और अन्य गतिविधियों के माध्यम से छात्रों की प्रगति का आकलन करता है।

2.व्यापक मूल्यांकन (Comprehensive Evaluation): इसमें छात्र की बौद्धिक क्षमता के साथ-साथ उसकी रचनात्मकता, व्यवहार, नेतृत्व क्षमता और अन्य कौशलों का मूल्यांकन किया जाता है।




सतत् व्यापक मूल्यांकन का महत्व

 

1. केवल परीक्षा-आधारित मूल्यांकन पर निर्भरता कम करता है
•पारंपरिक परीक्षा प्रणाली में छात्र केवल साल के अंत में परीक्षा देते हैं, जिससे उनकी संपूर्ण क्षमता का आकलन नहीं हो पाता।
•CCE के माध्यम से छात्र पूरे वर्ष में किए गए कार्यों के आधार पर मूल्यांकन प्राप्त करते हैं, जिससे उनकी वास्तविक प्रगति का आकलन होता है।

2. सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाता है

•इसमें शिक्षण और मूल्यांकन को खेल, गतिविधियों, प्रोजेक्ट वर्क और इंटरएक्टिव लर्निंग के साथ जोड़ा जाता है।
•छात्र केवल रटने के बजाय व्यावहारिक और अनुभवजन्य (experiential) रूप से सीखते हैं।

3. मानसिक तनाव को कम करता है

•केवल अंतिम परीक्षा पर निर्भर न रहने से छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होता है।
•छात्र लगातार सीखने और सुधारने की प्रक्रिया में बने रहते हैं, जिससे उनकी आत्मविश्वास और प्रदर्शन क्षमता बढ़ती है।

4. बहुआयामी विकास को प्रोत्साहित करता है

•CCE केवल लिखित परीक्षा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसमें सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ (co-curricular activities), खेल, कला, संगीत और नैतिक मूल्यों को भी शामिल किया जाता है।

•इससे छात्र के व्यक्तित्व का समग्र विकास (holistic development) होता है।

5. छात्रों की कमजोरियों की समय पर पहचान

•सतत मूल्यांकन से शिक्षकों को छात्रों की कमजोरियों का पता पहले ही लग जाता है, जिससे उन्हें सुधारने के लिए अतिरिक्त मार्गदर्शन दिया जा सकता है।
•छात्र अपनी गलतियों से सीखकर परीक्षा के दबाव के बिना सुधार कर सकते हैं।

6. शिक्षकों और अभिभावकों के लिए उपयोगी

•CCE प्रणाली शिक्षकों को छात्रों की प्रगति को सही तरीके से मापने और उनके सीखने की प्रक्रिया को समायोजित करने में मदद करती है।
•अभिभावक भी समय-समय पर अपने बच्चों की प्रगति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठा सकते हैं।

7. नैतिक और सामाजिक मूल्यों का विकास

•इस प्रणाली में नैतिक शिक्षा, नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क और अनुशासन जैसी विशेषताओं का भी मूल्यांकन किया जाता है।
•इससे छात्र केवल अकादमिक रूप से ही नहीं, बल्कि नैतिक और सामाजिक दृष्टि से भी विकसित होते हैं।

8. बच्चे के समग्र विकास पर ध्यान:
o CCE केवल रटकर याद करने की बजाय बच्चे के बौद्धिक, भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है।

9.तनाव मुक्त मूल्यांकन:
oपारंपरिक परीक्षा प्रणाली में छात्रों पर अच्छे अंक लाने का दबाव होता है, जबकि CCE में निरंतर मूल्यांकन से तनाव कम होता है।

10.कमजोर छात्रों को सुधार का मौका:
o नियमित फीडबैक और मूल्यांकन से कमजोर छात्र अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं, बजाय एक ही परीक्षा पर निर्भर रहने के।

11.व्यावहारिक ज्ञान और कौशल विकास:
o CCE में प्रोजेक्ट वर्क, ग्रुप डिस्कशन और प्रैक्टिकल एक्टिविटीज पर जोर दिया जाता है, जिससे छात्रों में रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल विकसित होते हैं।

12.शिक्षक-छात्र संबंध मजबूत होना:
o शिक्षक छात्रों की प्रगति पर नजर रखते हैं और उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर मार्गदर्शन देते हैं।

13.ग्रेडिंग सिस्टम द्वारा प्रतिस्पर्धा कम करना:
o CCE में ग्रेडिंग सिस्टम (A, B, C, D) होता है, जिससे छात्रों में अंकों की होड़ कम होती है और सीखने पर ध्यान केंद्रित होता है।

14.रटंत प्रणाली को हतोत्साहित करना:
o यह प्रणाली रटकर याद करने के बजाय समझ और अनुप्रयोग पर जोर देती है।

उदाहरण:
• सतत मूल्यांकन: एक शिक्षक गणित के टॉपिक के बाद कक्षा में एक क्विज़ लेता है और छात्रों की समझ का आकलन करता है।
• व्यापक मूल्यांकन: छात्रों को विज्ञान प्रोजेक्ट के साथ-साथ समूह चर्चा, पोस्टर बनाना और प्रस्तुति देना होता है, जिससे उनके संचार कौशल और टीमवर्क का भी मूल्यांकन होता है।

निष्कर्ष
सतत् व्यापक मूल्यांकन (CCE) पारंपरिक परीक्षा प्रणाली का एक उन्नत विकल्प है, जो छात्रों के ज्ञान, कौशल और व्यक्तित्व के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। यह न केवल सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और आनंददायक बनाता है, बल्कि छात्रों को मानसिक दबाव से मुक्त रखकर उनकी रचनात्मकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, CCE एक संतुलित और छात्र-केंद्रित मूल्यांकन प्रणाली है, जिसे आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अपनाया जाना चाहिए।

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