पाठ्यक्रम का महत्त्व तथा उपयोगिता
(Importance and Utility of Curriculum)
प्रश्न – पाठ्यक्रम का महत्त्व तथा उपयोगिता का वर्णन करे |
उत्तर
कनिंघम के अनुसार, “पाठ्यक्रम कलाकार (शिक्षक) के हाथों में एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से वह अपनी सामग्री (विद्यार्थी) का अपने आदर्श (उद्देश्य) के अनुसार अपने कलागृह (विद्यालय) में निर्माण करता है।”
कनिंघम की उक्त पंक्तियों से ही पाठ्यक्रम की महत्ता स्पष्ट हो जाती है। वस्तुतः पाठ्यक्रम शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक साधन है। इसके अतिरिक्त यह अग्रलिखित रूप में भी उपयोगी है—
- (i) पाठ्यक्रम प्रचलित शिक्षा व्यवस्था तथा प्रणाली को सुव्यवस्थित करता है ।
- (ii) पाठ्यक्रम उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निर्मित तथा विकसित किया जाता है, अत: उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है ।
- (iii) पाठ्यक्रम की सहायता से हम प्रचलित दार्शनिक चिन्तन का पता लगा सकते हैं, क्योंकि प्रत्येक पाठ्यक्रम समाज के तत्कालीन दार्शनिक चिन्तन की छाप होती है।
- (iv) पाठ्यक्रम विभिन्न कक्षाओं की पाठ्य सामग्री के निर्माण तथा विकास में सहायक होता |
- (v) पाठ्यक्रम पाठ्य-पुस्तकों के निर्माण में सहायक होता है।
- (vi) सुनिश्चित पाठ्यक्रम शिक्षा के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है।
- (vii) पाठ्यक्रम के आधार पर ही दो या अधिक शिक्षा प्रणालियों का तुलनात्मक अध्ययन करना सम्भव हो पाता है 1
- (viii) पाठ्यक्रम के विश्लेषण से शिक्षा के स्तर के उत्थान व पतन का भी ज्ञान होता है । (ix) पाठ्यक्रम के आधार पर निर्मित पाठ्य-पुस्तकों व पाठ्य-सामग्री को ध्यान में रखते हुए ही शिक्षण पद्धतियों व विधियों का चयन किया जाता है। अतः पाठ्यक्रम शिक्षण विधियों के चयन में सहायक होता है